Brief History of Computer In Hindi

अगर आप कंप्यूटर के बारे में नए तरीके से जानना चाहते हैं तो आप इस दिए गए ऑडियो लेसन को जरुर सुने|

Computer : An Introduction - कंप्यूटर : एक परिचय

कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के 'कम्प्यूट' (compute) शब्द से हुई है, जिसका अर्थ होता है 'गणना करना'. प्रारंभ में कम्प्यूटर का उपयोग मूल रूप से गणनात्मक कार्यों के लिए होता था। परंतु आज उसका क्षेत्र काफी विस्तृत और व्यापक हो चुका है,

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चाहे मौसम की भविष्यवाणी हो या मशीनों और वाहनों की डिज़ाइन, चंद्रमा या दूसरे ग्रहों पर जाने की यात्रा करनी हो या अख़बारों और पत्रिकाओं की प्रक्रिया, संगीत रचना या फिल्मों का संपादन, कम्प्यूटर अपनी उपयोगिता साबित कर चुका है।बीमारी का सूक्ष्म परीक्षण और विश्लेषण, हवाई जहाज में सीट बुकिंग, फैक्टरी में काम करने की मशीनों की मासिक वेतन की गणना, बैंकिंग जैसे कई कार्यों में भी कम्प्यूटर सक्षम है। इससे स्पष्ट होता है कि शुरुआत में कंप्यूटर को गणना करने के लिए बनाया गया था। लेकिन वर्तमान समय में यह लगभग प्रत्येक क्षेत्र में हमारी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। अत: यह कहना सही नहीं है की कंप्यूटर सिर्फ एक गणना करने बाली मशीन है। आज कम्प्यूटर पर किये जाने वाले कार्यों में 80% से अधिक अग्रसर्तीय कार्य होते हैं। अत: हमें कम्प्यूटर को सिर्फ गणना के बजाय 'संग्रहण' या 'सूचना प्रोसेसिंग' के आधार पर संगणना (Processing) करने वाला उपकरण कहा जा सकता है, जिसका मूल कार्य होता है, डाटा और सूचना की प्रोसेसिंग करना, चाहे वह गणितीय हो या आगणितीये। कम्प्यूटर को मात्र गणना करने का उपकरण मानना उसकी क्षमता को 80% से कम आंकना(judge) है।

History Of Computer - कम्प्यूटर का इतिहास

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वास्तव में इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर विज्ञान 70 वर्षों से अधिक प्राचीन नहीं है इसका वास्तविक फैलाव बीसवीं सदी के अंतिम तीन दशकों में हुआ है। जिस दिन से मनुष्य ने बढ़ती आबादी और कार्य व्यापार के दबाव में आकर उंगलियों से ज्यादा कुशल गणना विधि की आवश्यकता महसूस की,

उसी दिन से शायद आधुनिक युग के कम्प्यूटर की खोज प्रारंभ हो गई थी। इस आवश्यकता और उसकी पूर्ति के लिए बनाए गए कम्प्यूटर की खोज का इतिहास वास्तव में बहुत पुराना और अत्यंत दिलचस्प है।

इसे " अबाकस " (Abacus) कहते थे। जापान में इसे “सारोबान" (Saroban) कहा जाता था आज भी यह यंत्र कई खिलौनों की दुकानों में जोड़ने घटाने की विधि समझाने के लिए बच्चों के खिलौनों के रूप में दिखाई दे जाता है। इसके बाद के विकास में भारत के गणितज्ञों का विशेष योगदान रहा है। यह योगदान था शून्य व दशमलव चिन्ह के आविष्कार के रूप में। बाद के सारे कम्प्यूटरों के विकास को इस आविष्कार का लाभ मिला।

Abacus

Computer का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है| ली काई चेन के द्वारा चीन में एक calculation Machine Abacus का अविष्कार हुआ था यह एक Mechanical Device है इस यन्त्र का उपयोग जोड़ने घटाने के लिए किया जाता था जो आज भी चीन, जापान सहित एशिया के अनेक देशो में अंको की गणना के लिए काम आती थी| चीन में इसे तार के ढांचे में मणि डालकर बनाया जाता था Abacus तारों का एक फ्रेम होता हैं इन तारो में बीड (पकी हुई मिट्टी के गोले) पिरोये रहते हैं|

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प्रारंभ में Abacus को व्यापारी Calculation करने के काम में Use किया करते थे यह Machine अंको को जोड़ने, घटाने, गुणा करने तथा भाग देने के काम आती हैं|

Blase Pascal

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शताब्दियों के बाद अनेक अन्य यांत्रिक मशीने अंकों की गणना के लिए विकसित की गई । 17 वी शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Baize Pascal) ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र (Mechanical Digital Calculator) सन् 1645 में विकसित किया गया । इस मशीन को एडिंग मशीन (Adding Machine) कहते थे, क्योकि यह केवल जोड़ या घटाव कर सकती थी ।

यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धान्त पर कार्य करती थी । उसमें कई दाँतेयुक्त चकरियाँ (toothed wheels) लगी होती थी जो घूमती रहती थी चक्रियों के दाँतो पर 0 से 9 तक के अंक छपे रहते थे प्रत्येक चक्री का एक स्थानीय मान होता था जैसे –इकाई, दहाई, सैकड़ा आदि इसमें एक चक्री के घूमने के बाद दूसरी चक्री घूमती थी Blase Pascal की इस Adding Machine को Pascaline भी कहते हैं।

Jacquard’s Loom

सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर (Weaver) जोसेफ जेकार्ड (Joseph Jacquard) ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम (Loom) का अबिष्कार किया जो कपड़ो में डिजाईन (Design) या पैटर्न (Pattern) को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकार्डो से नियंत्रित करता था | इस loom की विशेषता यह थी की यह कपडे के Pattern को Cardboard के छिद्र युक्त पंचकार्ड से नियंत्रित करता था पंचकार्ड पर चित्रों की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निर्देशित किया जाता था|

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Charles Babbage

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कप्यूटर के इतिहास में 19 वी शताब्दी को प्रारम्भिक समय का स्वर्णिम युग माना जाता है । अंग्रेज गणितज्ञ Charles Babbage ने एक यांत्रिक गणना मशीन (Mechanical Calculation Machine) विकसित करने की आवश्यकता तब महसूस की जब गणना के लिए बनी हुई सारणियों में Error आती थी चूँकि यह Tables हस्त निर्मित (Hand-set) थी इसलिए इसमें Error आ जाती थी |

चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में एक मशीन का निर्माण किया जिसका खर्च ब्रिटिश सरकार ने दिया । उस मशीन का नाम डिफरेंस इंजिन (Difference Engine) रखा गया, इस मशीन में गियर और साफ्ट लगे थे । यह भाप से चलती थी । सन् 1833 में Charles Babbage ने Different Engine का विकसित रूप Analytical Engine तैयार किया जो बहुत ही शक्तिशाली मशीन थी | बैवेज का कम्प्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा हैं । बैवेज का एनालिटिकल इंजिन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि चार्ल्स बैवेज को कमप्यूटर विज्ञान का जनक कहा जाता हैं |

Dr. Howard Aiken’s Mark-I

सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (Electrometrical Computing) शिखर पर पहुँच चुकी थी। IBM के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आइकेन ने सन् 1944 में एक मशीन विकसित किया यह विश्व का सबसे पहला “विधुत यांत्रिक कंप्यूटर” था।

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और इसका official Name– Automatic Sequence Controlled Calculator रखा गया। इसे हार्वर्ड विश्वविद्यालय को सन् 1944 के फरवरी माह में भेजा गया जो विश्वविद्यालय में 7 अगस्त 1944 को प्राप्त हुआ। इसी विश्वविद्यालय में इसका नाम मार्क- I पड़ा। यह 6 सेकंड में 1 गुणा व 12 सेकंड में 1 भाग कर सकता था।

A.B.C. (Atanasoff – Berry Computer)

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सन् 1945 में एटानासोफ़ (Atanasoff) तथा क्लोफोर्ड बेरी (Clifford berry) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन का विकास किया जिसका नाम ए.बी.सी.(ABC) रखा गया| ABC शब्द Atanasoff Berry Computer का संक्षिप्त रूप हैं | ABC सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर (Electronic Digital Computer) था |

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